.......जुर्मबीज...... सोंच में पड़ गए न कि ये जुर्मबीज कौन है.....? अच्छा रक्तबीज का नाम तो सुना होगा आपने
...... एक ऐसा दानव जिसकी रक्त की एक बीज यानी बूंद जमीन पर गिरते ही एक नया दानव प्रकट हो जाता
था .... उसके ही समान बलशाली और अत्याचारी..... इस कारण उसे मारना और उसके आतंक तथा अत्याचार
को समाप्त करना असंभव सा हो गया था , देवताओं और मनुष्यों में उसके अत्याचार से त्राहि-त्राहि मची हुई थी
, तब उसके आतंक से सबको छुटकारा दिलाने के लिए माँ भगवती ने चंडी का विकराल रूप धारण किया और
रक्तबीज का विनाश करके सबको शांति और सुरक्षा प्रदान की । रक्तबीज का आतंक तो समाप्त हो गया लेकिन
आज उसका स्थान ले लिए है जुर्मबीज ने... जी हाँ जिस तरह रक्त बीज के खून की बूंद पृथ्वी पर गिरते ही
राक्षसों का जन्म होता था ठीक आज वैसी ही स्थिति जुर्म और अन्याय की है , चारो ओर इसी का बोलबाला है ,
एक जुर्म से हजारों आतंकों का जन्म हो रहा है , लोग उसके आतंक से परेशान हैं ...बड़ी ही विषम परिस्थिति है
, आखिर इस जुर्मबीज का बध कौन करेगा.......? कौन समाप्त करेगा इस दानव को........? कौन लेगा अवतार
समाज को... राष्ट्र को इस असुर से बचाने के लिए ......? जिससे आज हर किसी का जीवन और अस्तित्व खतरे
में है । आम आदमी को अपने छोटे- छोटे कामों के लिए कितनी जद्दोजहद करनी पड़ती है ... प्रतिदिन कितने
ही जुर्मबीजों से टकराना पड़ता है .... हर व्यक्ति प्रतिदिन यह आशा करके सोता है कि कल सब कुछ ठीक हो
जाएगा , एक दिन उसकी भी सारी उलझने समाप्त हो जाएंगी और वह चैन से जी सकेगा , लेकिन हमारे समाज
में जब-तक जुर्मबीज का साया है तब-तक शांति कैसे संभव है....? धीरे -धीरे जुर्मबीज एक विकराल रूप धारण
करता जा रहा है । कोई भी ऐसी जगह नहीं है जहां जुर्म न हो रहा हो .... तो क्या करें...? बैठकर यह इंतजार करें
कि कोई महापुरुष आएगा या कोई शक्ति अवतार लेगी जो जुर्मबीज का बध करके सबको भयमुक्त जीवन प्रदान
करेगी .... सबको हत्या ...बलात्कार...भृष्टाचार ...और अन्याय जैसे राक्षसों से छुटकारा मिलेगा । दो ही काम हो
सकते हैं या तो हांथ में हांथ रखकर इंतज़ार करें कि कोई मसीहा आएगा ... जादू की छड़ी घुमाएगा.... और
शांति ही शांति हो जाएगी .... सारे जुर्म, अन्याय , अत्याचार समाप्त हो जाएंगे .... या फिर उसके खिलाफ
आवाज उठाएँ .... तो देखते हैं कैसे होगा इस जुर्मबीज का अंत ......? होगा भी या नहीं.... ? क्योंकि हम तो
चमत्कारों पर विश्वास करने वाले लोग हैं ... श्री राम ने जैसे रावण के आतंक को खत्म किया... श्री कृष्ण ने
कंस के अत्याचार का दमन किया ... तो इस जुर्मबीज का दमन करने के लिए भी कोई न कोई अवश्य अवतार लेगा......
...... एक ऐसा दानव जिसकी रक्त की एक बीज यानी बूंद जमीन पर गिरते ही एक नया दानव प्रकट हो जाता
था .... उसके ही समान बलशाली और अत्याचारी..... इस कारण उसे मारना और उसके आतंक तथा अत्याचार
को समाप्त करना असंभव सा हो गया था , देवताओं और मनुष्यों में उसके अत्याचार से त्राहि-त्राहि मची हुई थी
, तब उसके आतंक से सबको छुटकारा दिलाने के लिए माँ भगवती ने चंडी का विकराल रूप धारण किया और
रक्तबीज का विनाश करके सबको शांति और सुरक्षा प्रदान की । रक्तबीज का आतंक तो समाप्त हो गया लेकिन
आज उसका स्थान ले लिए है जुर्मबीज ने... जी हाँ जिस तरह रक्त बीज के खून की बूंद पृथ्वी पर गिरते ही
राक्षसों का जन्म होता था ठीक आज वैसी ही स्थिति जुर्म और अन्याय की है , चारो ओर इसी का बोलबाला है ,
एक जुर्म से हजारों आतंकों का जन्म हो रहा है , लोग उसके आतंक से परेशान हैं ...बड़ी ही विषम परिस्थिति है
, आखिर इस जुर्मबीज का बध कौन करेगा.......? कौन समाप्त करेगा इस दानव को........? कौन लेगा अवतार
समाज को... राष्ट्र को इस असुर से बचाने के लिए ......? जिससे आज हर किसी का जीवन और अस्तित्व खतरे
में है । आम आदमी को अपने छोटे- छोटे कामों के लिए कितनी जद्दोजहद करनी पड़ती है ... प्रतिदिन कितने
ही जुर्मबीजों से टकराना पड़ता है .... हर व्यक्ति प्रतिदिन यह आशा करके सोता है कि कल सब कुछ ठीक हो
जाएगा , एक दिन उसकी भी सारी उलझने समाप्त हो जाएंगी और वह चैन से जी सकेगा , लेकिन हमारे समाज
में जब-तक जुर्मबीज का साया है तब-तक शांति कैसे संभव है....? धीरे -धीरे जुर्मबीज एक विकराल रूप धारण
करता जा रहा है । कोई भी ऐसी जगह नहीं है जहां जुर्म न हो रहा हो .... तो क्या करें...? बैठकर यह इंतजार करें
कि कोई महापुरुष आएगा या कोई शक्ति अवतार लेगी जो जुर्मबीज का बध करके सबको भयमुक्त जीवन प्रदान
करेगी .... सबको हत्या ...बलात्कार...भृष्टाचार ...और अन्याय जैसे राक्षसों से छुटकारा मिलेगा । दो ही काम हो
सकते हैं या तो हांथ में हांथ रखकर इंतज़ार करें कि कोई मसीहा आएगा ... जादू की छड़ी घुमाएगा.... और
शांति ही शांति हो जाएगी .... सारे जुर्म, अन्याय , अत्याचार समाप्त हो जाएंगे .... या फिर उसके खिलाफ
आवाज उठाएँ .... तो देखते हैं कैसे होगा इस जुर्मबीज का अंत ......? होगा भी या नहीं.... ? क्योंकि हम तो
चमत्कारों पर विश्वास करने वाले लोग हैं ... श्री राम ने जैसे रावण के आतंक को खत्म किया... श्री कृष्ण ने
कंस के अत्याचार का दमन किया ... तो इस जुर्मबीज का दमन करने के लिए भी कोई न कोई अवश्य अवतार लेगा......
हम जिस शक्ति का इंतज़ार करने में समय नष्ट कर रहे हैं कहीं वह शक्ति हममें ही तो नहीं?
ReplyDeletebhagwat geeta me likha hai,bdhiya lekh likha hai aapne,badhayee
ReplyDeleteBAHUT SUNDAR OR EK JWALANSHEEL PRASHN HAI AAPKA,AAJ HAMARE SAMAJ MEN YE SAMASYA KODH MEN KHAJ KI TRAH FAILTE JA RHI HAI PAR SABSE AHAM SAWAL YE UTHATA HAI KI ISE KHATM KARNE KI SURUWAT KI PAHAL AAKHIR KARE TO KON.........SABSE PAHLE TO HMEN HI ISKA SHREE GANESH KARNA HOGA ..!
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